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Singh Par Ek Kamal Raajit Lyrics in Hindi English सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती

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1. भजन के बोल (Lyrics)

🇮🇳 हिंदी (देवनागरी)

मुखड़ा (Chorus) सिंह पर एक कमल राजित, ताहि ऊपर भगवती, हसती खल-खल दाँत झल-झल, रूप सुन्दर भगवती, सिंह पर एक कमल राजित, ताहि ऊपर भगवती।।

अंतरा 1 (Verse 1) शंख गहि-गहि चक्र गहि-गहि, खड्ग गहि जगत्तारिणी, परशु गहि-गहि पाश गहि-गहि, असुरदल संघारिणी, सिंह पर एक कमल राजित, ताहि ऊपर भगवती।।

अंतरा 2 (Verse 2) उदित दिनकर लाल छबि निज, रूप सुन्दर भगवती, जीभ लह-लह लाल लोचन, श्रवण कुण्डल शोभती, सिंह पर एक कमल राजित, ताहि ऊपर भगवती।।

अंतरा 3 (Verse 3) नाथ सब अनाथ के माँ, भक्तगण प्रतिपालिनी, महामाया देवी मैया, दुर्गा दुर्गति नाशिनी, सिंह पर एक कमल राजित, ताहि ऊपर भगवती।।

मुखड़ा (Chorus) सिंह पर एक कमल राजित, ताहि ऊपर भगवती, हसती खल-खल दाँत झल-झल, रूप सुन्दर भगवती, सिंह पर एक कमल राजित, ताहि ऊपर भगवती।।


🔠 हिंग्लिश (Hinglish / Roman Script)

Mukhda (Chorus) Singh par ek kamal raajit, Taahi upar Bhagwati, Hasati khal-khal daant jhal-jhal, Roop sundar Bhagwati, Singh par ek kamal raajit, Taahi upar Bhagwati.

Antara 1 (Verse 1) Shankh gahi-gahi chakra gahi-gahi, Khadg gahi jagattaarini, Parshu gahi-gahi paash gahi-gahi, Asurdal sanghaarini, Singh par ek kamal raajit, Taahi upar Bhagwati.

Antara 2 (Verse 2) Udit dinakar laal chhabi nij, Roop sundar Bhagwati, Jeebh lah-lah laal lochan, Shravan kundal shobhati, Singh par ek kamal raajit, Taahi upar Bhagwati.

Antara 3 (Verse 3) Naath sab anaath ke Maa, Bhaktgan pratipaalini, Mahamaaya Devi Maiya, Durga durgati naashini, Singh par ek kamal raajit, Taahi upar Bhagwati.

Mukhda (Chorus) Singh par ek kamal raajit, Taahi upar Bhagwati, Hasati khal-khal daant jhal-jhal, Roop sundar Bhagwati, Singh par ek kamal raajit, Taahi upar Bhagwati.


2. भजन का भावार्थ (Meaning of the Bhajan)

🇮🇳 हिंदी में भावार्थ

यह भजन देवी माँ भगवती (दुर्गा) के अलौकिक और शक्तिशाली स्वरूप का वर्णन करता है, जिसमें उनका सिंह (शेर) पर कमल के आसन पर विराजमान होना दिखाया गया है।

भजन का मूल भाव है: “सिंह पर एक कमल सुशोभित है, और उसी पर भगवती विराजमान हैं। उनका रूप सुंदर है, वे खल-खल हँसती हैं और उनके दाँत झलकते (चमकते) हैं।” (यह देवी का अद्भुत आसन और स्वरूप है)।

  1. शस्त्र और शक्ति: देवी जगत तारिणी (संसार को तारने वाली) हैं। उन्होंने शंख, चक्र, खड्ग (तलवार), परशु (कुल्हाड़ी) और पाश (रस्सी) जैसे शस्त्र धारण किए हुए हैं। वे असुरों के दल का संहार करने वाली हैं।
  2. दिव्य रूप: देवी का रूप उगते हुए सूर्य (उदित दिनकर) के समान लाल और सुंदर है। उनकी जीभ लह-लह (लपलपाती) है, आँखें लाल हैं, और उनके कानों में कुण्डल सुशोभित हो रहे हैं। यह उनके रौद्र और कल्याणकारी दोनों स्वरूपों का मिश्रित वर्णन है।
  3. करुणा और दायित्व: भक्त देवी की स्तुति करते हुए कहते हैं कि वे सभी अनाथों की नाथ (स्वामी) हैं और भक्तों की रक्षा करने वाली हैं। वे महामाया देवी हैं, और दुर्गा के रूप में दुर्गति (खराब गति/कष्ट) का नाश करने वाली हैं।

यह भजन माँ दुर्गा की शक्ति, सुंदरता और उनकी करुणा को एक साथ व्यक्त करता है, जहाँ वे भक्तों की रक्षक और दुष्टों की संहारक हैं।

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