Baba Goraknath Aarti Lyrics in Hindi जय गोरख देवा,जय गोरख देवा ।कर कृपा मम ऊपर,नित्य करूँ सेवा ॥ शीश जटा अति सुंदर,भाल चन्द्र सोहे ।कानन कुंडल झलकत,निरखत मन मोहे ॥ गल सेली विच नाग सुशोभित,तन भस्मी धारी ।आदि पुरुष योगीश्वर,संतन हितकारी ॥ नाथ नरंजन आप ही,घट घट के वासी ।करत कृपा निज जन पर,मेटत यम फांसी ॥ रिद्धी सिद्धि चरणों …
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Bharat Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi English
Bharat Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi आरती भारत माता की,जगत के भाग्य विधाता की ।आरती भारत माता की,ज़गत के भाग्य विधाता की । सिर पर हिम गिरिवर सोहै,चरण को रत्नाकर धोए,देवता गोदी में सोए,रहे आनंद, हुए न द्वन्द,समर्पित छंद,बोलो जय बुद्धिप्रदाता की,जगत के भाग्य विधाता की आरती भारत माता की,जगत के भाग्यविधाता की । जगत में लगती है न्यारी,बनी …
Read More »Shri Chitragupt Aarti – Shri Viranchi Kulbhusan Lyrics in Hindi English
Shri Chitragupt Aarti – Shri Viranchi Kulbhusan Lyrics in Hindi श्री विरंचि कुलभूषण,यमपुर के धामी ।पुण्य पाप के लेखक,चित्रगुप्त स्वामी ॥ सीस मुकुट, कानों में कुण्डल,अति सोहे ।श्यामवर्ण शशि सा मुख,सबके मन मोहे ॥ भाल तिलक से भूषित,लोचन सुविशाला ।शंख सरीखी गरदन,गले में मणिमाला ॥ अर्ध शरीर जनेऊ,लंबी भुजा छाजै ।कमल दवात हाथ में,पादुक परा भ्राजे ॥ नृप सौदास अनर्थी,था …
Read More »Vishwakarma Aarti Lyrics in Hindi English
Vishwakarma Aarti Lyrics in Hindi जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री विश्वकर्मा ।सकल सृष्टि के करता,रक्षक स्तुति धर्मा ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री विश्वकर्मा । आदि सृष्टि मे विधि को,श्रुति उपदेश दिया ।जीव मात्र का जग में,ज्ञान विकास किया ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री विश्वकर्मा । ऋषि अंगीरा तप से,शांति नहीं पाई ।ध्यान किया जब प्रभु का,सकल सिद्धि आई …
Read More »Shri Chitragupt Stuti Lyrics in Hindi English
Shri Chitragupt Stuti Lyrics in Hindi जय चित्रगुप्त यमेश तव,शरणागतम् शरणागतम् ।जय पूज्यपद पद्मेश तव,शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय देव देव दयानिधे,जय दीनबन्धु कृपानिधे ।कर्मेश जय धर्मेश तव,शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय चित्र अवतारी प्रभो,जय लेखनीधारी विभो ।जय श्यामतम, चित्रेश तव,शरणागतम् शरणागतम् ॥ पुर्वज व भगवत अंश जय,कास्यथ कुल, अवतंश जय ।जय शक्ति, बुद्धि विशेष तव,शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय विज्ञ क्षत्रिय धर्म …
Read More »Shri Gau Mata Aarti Lyrics in Hindi English
Shri Gau Mata Aarti Lyrics in Hindi आरती श्री गैय्या मैंय्या की,आरती हरनि विश्व धैय्या की ॥ अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि,अविचल अमल मुक्तिपददायिनि ।सुर मानव सौभाग्य विधायिनि,प्यारी पूज्य नंद छैय्या की ॥ आरती श्री गैय्या मैंय्या की,आरती हरनि विश्व धैय्या की ॥ अख़िल विश्व प्रतिपालिनी माता,मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता ।रोग शोक संकट परित्राता,भवसागर हित दृढ़ नैय्या की ॥ आरती श्री गैय्या …
Read More »Shri Jankinatha Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi English
Shri Jankinatha Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi ॐ जय जानकीनाथा,जय जय श्री रघुनाथा ।दोउ कर जोरें बिनवौं,प्रभु! सुनिये बाता ॥ ॐ जय जानकीनाथा॥ तुम रघुनाथ हमारे,प्राण पिता माता ।तुम ही सज्जन-संगी,भक्ति मुक्ति दाता ॥ॐ जय जानकीनाथा॥ लख चौरासी काटो,मेटो यम त्रासा ।निशदिन प्रभु मोहि रखिये,अपने ही पासा ॥ॐ जय जानकीनाथा॥ राम भरत लछिमन,सँग शत्रुहन भैया ।जगमग ज्योति विराजै,शोभा अति …
Read More »Aarti Shri Bhagwat Geeta Aarti Lyrics in Hindi English
Aarti Shri Bhagwat Geeta Aarti Lyrics in Hindi जय भगवद् गीते,जय भगवद् गीते ।हरि-हिय-कमल-विहारिणि,सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि,कामासक्तिहरा ।तत्त्वज्ञान-विकाशिनि,विद्या ब्रह्म परा ॥जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनि,निर्मल मलहारी ।शरण-सहस्य-प्रदायिनि,सब विधि सुखकारी ॥जय भगवद् गीते…॥ राग-द्वेष-विदारिणि,कारिणि मोद सदा ।भव-भय-हारिणि,तारिणि परमानन्दप्रदा ॥जय भगवद् गीते…॥ आसुर-भाव-विनाशिनि,नाशिनि तम रजनी ।दैवी सद् गुणदायिनि,हरि-रसिका सजनी ॥जय भगवद् गीते…॥ समता, त्याग सिखावनि,हरि-मुख की बानी ।सकल शास्त्र की स्वामिनी,श्रुतियों की रानी …
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Annapurna Aarti Lyrics in Hindi बारम्बार प्रणाम,मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,कहां उसे विश्राम ।अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो,लेत होत सब काम ॥ बारम्बार प्रणाम,मैया बारम्बार प्रणाम । प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,कालान्तर तक नाम ।सुर सुरों की रचना करती,कहाँ कृष्ण कहाँ राम ॥ बारम्बार प्रणाम,मैया बारम्बार प्रणाम । चूमहि चरण चतुर चतुरानन,चारु चक्रधर श्याम ।चंद्रचूड़ चन्द्रानन चाकर,शोभा लखहि …
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Datta Aarti Lyrics in Hindi त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा ।त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्य राणा ।नेती नेती शब्द न ये अनुमाना ॥सुरवर मुनिजन योगी समाधी न ये ध्याना ॥ जय देव जय देव जय श्री गुरुद्त्ता ।आरती ओवाळिता हरली भवचिंता ॥ सबाह्य अभ्यंतरी तू एक द्त्त ।अभाग्यासी कैची कळेल हि मात ॥पराही परतली तेथे कैचा हेत ।जन्ममरणाचाही पुरलासे अंत ॥ दत्त …
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