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Main Sharan Aap Ki Aaya Hoon Lyrics in Hindi English मैं शरण आप की आया हूँ

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1. भजन के बोल (Lyrics)

🇮🇳 हिंदी (देवनागरी)

मुखड़ा (Chorus) मैं शरण आप की आया हूँ, मेरे बाबा गले लगा लेना, जो गर्दीश सर पे छाई है, तुम इस को दूर हटा देना।।

अंतरा 1 (Verse 1) इस रंग बदलती दुनिया में, कोई भी मेरा साथी ना, हर ओर अँधेरा छाया है, मुझे नज़र रोशनी आती ना, तुम हाथ थाम लो अब मेरा, और परली पार लगा देना, जो गर्दीश सर पे छाई है, तुम इस को दूर हटा देना।।

अंतरा 2 (Verse 2) यहाँ हर एक चेहरा नक़ली है, कोई सच्चा साहूकार नहीं, यहाँ पैसों से सब प्यार करे, रिश्तों से किसी को प्यार नहीं, ये चिंता मुझे रुलाती है, मेरे बाबा इसे मिटा देना, जो गर्दीश सर पे छाई है, तुम इस को दूर हटा देना।।

अंतरा 3 (Verse 3) तेरे करम का बाबा क्या कहना, तू पल से पल में क्या कर दे, तू चाहे तो राई पर्वत, और पर्वत को राई कर दे, मुझ ख़ाक़सार के ऊपर भी, एक नज़र मेहर की कर देना, जो गर्दीश सर पे छाई है, तुम इस को दूर हटा देना।।

अंतरा 4 (Verse 4) तू दाता और मैं भिखारी हूँ, मेरे दामन में ख़ुशियाँ भर दे, अब अंत कहूँ मैं क्या तुम से, तू जो चाहे मुझ को वर दे, मैं सुरेन्द्र सिंह तेरे द्वार खड़ा, बाबा जी साथ निभाना देना, जो गर्दीश सर पे छाई है, तुम इस को दूर हटा देना।।

मुखड़ा (Chorus) मैं शरण आप की आया हूँ, मेरे बाबा गले लगा लेना, जो गर्दीश सर पे छाई है, तुम इस को दूर हटा देना।।


🔠 हिंग्लिश (Hinglish / Roman Script)

Mukhda (Chorus) Main sharan aap ki aaya hoon, Mere Baba gale laga lena, Jo gardish sar pe chhaai hai, Tum is ko door hata dena.

Antara 1 (Verse 1) Is rang badalti duniya mein, Koi bhi mera saathi naa, Har or andhera chhaaya hai, Mujhe nazar roshni aati naa, Tum haath thaam lo ab mera, Aur parali paar laga daina, Jo gardish sar pe chhaai hai, Tum is ko door hata daina.

Antara 2 (Verse 2) Yahaan har ek chehra nakli hai, Koi sachcha saahukaar nahin, Yahaan paison se sab pyaar kare, Rishton se kisi ko pyaar nahin, Ye chinta mujhe rulaati hai, Mere Baba ise mita daina, Jo gardish sar pe chhaai hai, Tum is ko door hata daina.

Antara 3 (Verse 3) Tere karam ka Baba kya kehna, Tu pal se pal mein kya kar de, Tu chaahe toh raai parvat, Aur parvat ko raai kar de, Mujh khaaksaar ke upar bhi, Ek nazar mehar ki kar daina, Jo gardish sar pe chhaai hai, Tum is ko door hata daina.

Antara 4 (Verse 4) Tu daata aur main bhikhaari hoon, Mere daaman mein khushiyaan bhar de, Ab ant kahoon main kya tum se, Tu jo chaahe mujh ko var de, Main Surendra Singh tere dwar khada, Baba ji saath nibhaana daina, Jo gardish sar pe chhaai hai, Tum is ko door hata daina.

Mukhda (Chorus) Main sharan aap ki aaya hoon, Mere Baba gale laga lena, Jo gardish sar pe chhaai hai, Tum is ko door hata dena.


2. भजन का भावार्थ (Meaning of the Bhajan)

🇮🇳 हिंदी में भावार्थ

यह भजन खाटू श्याम जी (बाबा) को समर्पित है। यह एक भक्त की हृदयस्पर्शी पुकार है, जो संसार से विरक्त होकर पूर्णतः बाबा की शरण में आ गया है।

भजन का मूल भाव है: “मैं आपकी शरण में आया हूँ, हे मेरे बाबा, मुझे गले लगा लीजिए। मेरे सिर पर जो भी गर्दिश (बुरा समय, विपत्ति) छाई हुई है, आप उसे दूर हटा दीजिए।

  1. संसार से निराशा: भक्त कहता है कि यह रंग बदलती दुनिया में उसका कोई सच्चा साथी नहीं है। चारों ओर अँधेरा छाया हुआ है, और उसे कहीं भी रोशनी (आशा) नज़र नहीं आती। इसलिए, वह बाबा से उसका हाथ थामने और जीवन की नैया को परली पार (मुक्ति या सफलता के पार) लगाने की विनती करता है।
  2. नकली रिश्ते और चिंता: भक्त संसार की नकली चेहरों वाली प्रकृति का वर्णन करता है, जहाँ लोग पैसों से प्यार करते हैं, रिश्तों से नहीं। यह चिंता उसे रुलाती है, जिसे वह बाबा से मिटा देने के लिए कहता है।
  3. बाबा की महिमा (करम): भक्त बाबा की शक्ति का बखान करता है, कहता है कि उनके करम (कृपा/कार्य) का वर्णन नहीं किया जा सकता। वह पल भर में सब कुछ बदल सकते हैं—वे राई (छोटा कण) को पर्वत और पर्वत को राई बना सकते हैं। भक्त (जो स्वयं को ख़ाक़सार अर्थात तुच्छ धूल का कण मानता है) उनसे मेहर (दया) की एक नज़र डालने की प्रार्थना करता है।
  4. भिखारी का वरदान: अंतिम पद में भक्त स्वयं को भिखारी और बाबा को दाता (देने वाला) बताता है, और उनसे अपने दामन (झोली) में खुशियाँ भरने का वरदान माँगता है। कवि सुरेन्द्र सिंह कहते हैं कि वह बाबा के द्वार पर खड़े हैं और उनसे जीवन भर साथ निभाने की गुहार करते हैं।

यह भजन भगवान के प्रति भक्त के असीम विश्वास और सांसारिक दुखों से मुक्ति की गहरी अभिलाषा को दर्शाता है।

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